भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात क्षेत्र ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज मंगलवार को बताया कि प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना से भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात महज एक वित्तीय वर्ष में ही पांचवें से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर 3.27 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिसमें से 2 लाख करोड़ रुपये का योगदान केवल मोबाइल फोन के निर्यात का रहा है।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने यह भी बताया कि इस तेज विकास से लाखों नए रोजगार उत्पन्न हुए हैं, विशेष रूप से महिलाओं के लिए। साथ ही, देश में स्किल डेवलपमेंट, घरेलू मूल्य संवर्धन में वृद्धि और भारतीय MSMEs का वैश्विक सप्लाई चेन में जुड़ना जैसे अहम बदलाव देखे गए हैं।
पिछले 10 वर्षों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र 5 गुना बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है और इससे 25 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं। निर्यात की बात करें तो यह 6 गुना बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है। सबसे खास बात यह रही कि FY25 के पहले 10 महीनों में स्मार्टफोन भारत का सबसे बड़ा निर्यात श्रेणी बन गया, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 (FY14) में यह 167वें स्थान पर था।
वैष्णव ने यह भी बताया कि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के बीच अब कई हार्डवेयर ब्रांड्स भारत की ओर रुख कर रहे हैं। सरकार की PLI 2.0 योजना के तहत आईटी हार्डवेयर सेक्टर में केवल 18 महीनों में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन और 3,900 नौकरियां पैदा हुई हैं।
वहीं एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि अब भारत में लैपटॉप निर्माण शुरू हो गया है, जो मेक इन इंडिया अभियान के लिए काफी अहम है। सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) को अधिसूचित किया है, जो भारत में कंपोनेंट निर्माण को मजबूती देने और घरेलू मूल्य संवर्धन बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है। 22,919 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान वाली इस योजना से 6 वर्षों में 4.56 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन, 59,350 करोड़ रुपये का निवेश और 91,600 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने का लक्ष्य है।-(With input IANS)